शासकीय महाविद्यालय सिलफिली में हुआ वीर बाल दिवस का आयोजन

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सूरजपुर  शासकीय महाविद्यालय सिलफिली में दिनांक 26 दिसंबर 2023 को वीर बाल दिवस का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राम कुमार मिश्र, मुख्य वक्ता चरणप्रीत सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता के साथ-साथ वक्ता प्रितपाल सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार तथा वरिष्ठ रंगकर्मी के अतिरिक्त उदय शंकर मिश्र, सेवानिवृत्त सहायक प्राध्यापक डाइट ने संस्कृति की देवी सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्प चढ़ाकर तथा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का आरंभ विद्यार्थियों के लिए आयोजित भाषण प्रतियोगिता से हुआ जिसमें छात्राओं जैतून निशा, जीनत गौसिया, तारावती, लीलावती तथा आंसा ने उत्कृष्ट  प्रस्तुति दी जिसमें उन्होंने बताया कि  आनंदपुर साहब का किला छोड़कर जाने की चेतावनी पर किला छोड़कर जाते हुए गुरु गोविंद सिंह तथा मुगलों के बीच भयंकर युद्ध हुआ । गुरु गोविंद सिंह तथा उनके बड़े पुत्र वहां से निकल गए, लेकिन रास्ता भटके हुए साहबजादे जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह, जो क्रमशः 9 तथा 6 वर्ष के थे को  औरंगजेब के सैनिकों ने इस्लाम धर्म न कबूल करने पर उन्हें दीवारों में चुनवा दिया।  नन्हे-नन्हे वीर बालकों ने अन्य धर्म को अपनाना स्वीकार न कर तथा बलिदान देकर शहादत का  एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया।  
मुख्य वक्ता चरणप्रीत सिंह ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से गुरु नानक देव से लेकर दसवें गुरु गोविंद सिंह तथा उनके पुत्रों के त्याग तथा सर्वधर्म समभाव के सिद्धांत को प्रस्तुत किया।  उन्होंने बताया कि सिख गुरुओं ने धर्म विशेष की बात को  दरकिनार करते हुए मानवता के धर्म को अपनाया और दसवें गुरु गोविंद सिंह के दोनों पुत्रों ने शहादत की एक मिसाल प्रस्तुत की। वक्ता प्रितपाल सिंह  वरिष्ठ साहित्यकार तथा रंग कर्मी ने इस बात पर जोर डाला कि विद्यार्थियों को अध्ययन के द्वारा सही तथ्यों तक पहुंचना चाहिए।   उदय शंकर मिश्र, सेवानिवृत्त सहायक प्राध्यापक डाइट ने विद्यार्थियों को वीर बालदिवस की पृष्ठभूमि तथा उसके मनाए जाने की औचित्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सपने अवश्य देखना चाहिए। विद्यार्थियों के सपनों के मर जाने से उनका पूरा भविष्य अंधकारमय हो सकता है, इसलिए विद्यार्थियों को बड़े सपने देखना चाहिए तथा उसके लिए सकारात्मक प्रयास भी अवश्य करना चाहिए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रामकुमार मिश्र ने विद्यार्थियों को स्वाध्याय की प्रवृत्ति विकसित करने तथा सही तथ्य के अन्वेषण की सीख दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में एक ही विषय पर अनेक भ्रामक तथ्य हमारे समक्ष उपस्थित हैं, उनमें सही पुस्तकों तथा सही तथ्यों का चयन कर उनका अध्ययन करना और मन में किसी विषय में एक विचार के स्थायित्व पर जोर देना बेहद आवश्यक है।  समाज में अनेक बुराइयां हैं जो हमें अपनी ओर आकर्षित करते हैं हमें अच्छाई और बुराई  में फर्क को समझ कर बुराइयों से बचना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक अमित सिंह बनाफर ,संयोजक राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तथा धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक अजय कुमार तिवारी ने किया। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में विद्यार्थी तथा महाविद्यालय के सभी अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

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